जलपरियाँ अपने स्तनों को उन्मुख करके अपनी लचकदार कमर को कमान की तरह मोड़ती है और अपने कुटिल कटाक्षों से कामास्त्र चलाती हैं। कहते हैं कामिनियों के पीन पयोधरों की शीतलता में ही रतिपति आश्रय लेते हैं। सच है | Khushali Kumar
जलपरियाँ अपने स्तनों को उन्मुख करके अपनी लचकदार कमर को कमान की तरह मोड़ती है और अपने कुटिल कटाक्षों से कामास्त्र चलाती हैं। कहते हैं कामिनियों के पीन पयोधरों की शीतलता में ही रतिपति आश्रय लेते हैं। सच है | Khushali Kumar